
चंदौली। जन समस्याओं के त्वरित और गुणवत्तापरक निस्तारण को लेकर शनिवार को चकिया तहसील सभागार में सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। इसमें जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग और एसपी आदित्य लांग्हे ने जनता की फरियाद सुनी। आयोजन में आधा दर्जन अधिकारी अनुपस्थित रहे। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
संपूर्ण समाधान दिवस में 73 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 03 का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। वहीं, एक दर्जन से अधिक शिकायतों के समाधान के लिए टीम भेजने और निर्धारित समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। डीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि शिकायतों को अनावश्यक रूप से लंबित न रखा जाए और प्रत्येक प्रकरण का निस्तारण निष्पक्षता और समयबद्ध तरीके से किया जाए। उन्होंने तहसीलदार को आदेशित किया कि लेखपालों के पास लंबित प्रार्थना पत्रों की प्रतिदिन समीक्षा कर फीडबैक लें और सुनिश्चित करें कि उनका समय पर निस्तारण हो।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लेकर भी जिलाधिकारी ने विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन किसानों को बाढ़ से नुकसान हुआ है, उनके मामलों का लेखपाल मौके पर जाकर निरीक्षण करें और शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करें। साथ ही अंश निर्धारण में किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, इसके लिए प्राथमिकता के आधार पर समाधान सुनिश्चित किया जाए।
डीएम ने संपूर्ण समाधान दिवस में अनुपस्थित रहे आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों पर नाराजगी जताई और उप जिलाधिकारी को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण समाधान दिवस शासन की प्राथमिकता है, ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जनता की समस्याओं के समाधान के लिए जिलाधिकारी ने राजस्व टीम को गांव-गांव जाकर कैम्प लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद, अंश निर्धारण, किसान रजिस्टर और आपदा से नुकसान की रिपोर्ट मौके पर ही तैयार कर उसका भुगतान सुनिश्चित किया जाए। साथ ही मुख्यमंत्री आवास योजना से वंचित पात्र लाभार्थियों को चिन्हित कर लाभान्वित किया जाए। खंड विकास अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर सरकार की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करें और अधिक से अधिक पात्र ग्रामीणों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाएं। उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाए, ताकि किसी प्रकार की अनियमितता न हो।
अंत में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चेताया कि गरीब और पीड़ित व्यक्तियों की समस्याओं को संवेदनशीलता से लिया जाए और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर न्याय दिलाया जाए। पैमाइश संबंधी पुराने मामलों के लंबित रहने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए संबंधित लेखपालों की क्लास लगाई और दोबारा ऐसी लापरवाही न करने की सख्त हिदायत दी। इस अवसर पर पीडी डीआरडीए, क्षेत्राधिकारी, अधिशासी अभियंता विद्युत, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, थानाध्यक्ष, खंड विकास अधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

