चंदौली। पिछले कुछ महीनों से चंदौली जिला अस्पताल जिले की राजनीति का नया केंद्र बन गया है। जनप्रतिनिधि, सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता यहां आते हैं फोटो खिंचवाते हैं और चले जाते हैं। लेकिन अस्पताल की बदहाली दूर नहीं हो पाती। कुछ दिन पहले ही राज्य सभा सांसद ने निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई थी। उसके पहले सपा के विधायक और सांसद ने धरना दिया था। लेकिन दुर्व्यवस्था सुधरने की बजाए और बढ़ गई। बरसात के इस मौसम में परिसर में पैदल चलना भी दुस्वार हो गया है। किस गड्ढे में गिरकर मुंह तुड़वा बैठें कुछ कहा नहीं जा सकता।
जिला अस्पताल, जिसका अब मेडिकल कालेज में विलय हो गया है अपनी बदहाली दूर होने का इंतजार कर रहा है। हालांकि समय-समय पर यहां सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि और जिले के आलाधिकारी आते रहते हैं। लेकिन यहां के लापरवाह कर्मचारी और जिम्मेदार लोग नेताओं और अधिकारियों के ऐसे निरीक्षणों के अभ्यस्त हो चुके हैं। उन्हें मालूम है कि उनका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है। पूरा परिसर इन दिनों जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है। मरीजों और कर्मचारियों को बेहिसाब दिक्कत हो रही है लेकिन निदान की दिशा में कोई खास पहल नहीं की जा रही। मरीजों के बीच दलाल आज भी सक्रिय हैं। दवाएं अभी भी बाहर से लिखी जा रहीं। जो दवाएं खत्म हो जाती हैं उन्हें जानबूझकर विलंब से मंगाया जाता है ताकि प्राइवेट मेडिकल स्टोर चलाने वालों को लाभ दिलाया जा सके।