
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा बड़ा होकर आर्थिक रूप से सुरक्षित रहे। आमतौर पर लोग मानते हैं कि इसके लिए बड़ी रकम की ज़रूरत होती है, लेकिन सच यह है कि यदि आप बच्चे की उम्र पांच साल पर ही निवेश शुरू कर दें तो मात्र ₹5,000 की मासिक SIP भी उसे करोड़ों की दौलत दे सकती है। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की ताकत और चक्रवृद्धि ब्याज का जादू इसे संभव बनाता है। LTP Calculator Financial Technology Pvt. Ltd & Daddy’s International School & Hostel, Bishunpura Kanta, Chandauli के फाउंडर डॉ. विनय प्रकाश तिवारी ने म्युचुअल फंड की पूरी प्रक्रिया विस्तार से समझाई है।
निवेश और रिटर्न के बारे में जानिये
अगर इस निवेश पर सालाना 14 से 15 प्रतिशत की दर से रिटर्न मिलता है तो तीस साल बाद, यानी बच्चे की उम्र 35 साल होते-होते, लगभग ₹5.1 करोड़ का फंड तैयार हो जाएगा। यही निवेश अगर आगे और दस साल जारी रहे तो यह रकम बढ़कर बीस करोड़ से भी अधिक हो सकती है। लेकिन यदि बाजार से थोड़ी कम कमाई हुई और रिटर्न 12 से 13 प्रतिशत के बीच रहे, तो तीस साल बाद यह फंड लगभग 3.3 से 3.7 करोड़ रुपये तक ही पहुंच पाएगा। ऐसे में लक्ष्य को पाने के लिए निवेश को कम से कम 35 से 36 साल यानी बच्चे की उम्र लगभग 40 साल तक जारी रखना होगा।
अब जरा सोचिए अगर सालाना रिटर्न केवल 10 से 11 प्रतिशत के बीच मिले। इस स्थिति में तीस साल बाद फंड 2.5 से 2.7 करोड़ रुपये तक ही बनेगा। पांच करोड़ का लक्ष्य पाने के लिए निवेश को कम से कम 40 से 45 साल यानी बच्चे की उम्र 45 से 46 साल तक जारी रखना होगा। वहीं अगर रिटर्न और भी कम होकर 8 से 9 प्रतिशत तक सीमित रह जाए तो तीस साल बाद कुल फंड केवल 1.7 से 1.9 करोड़ रुपये बनेगा। इस हालात में बच्चे को अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए 55 से 58 साल की उम्र तक निवेश जारी रखना पड़ेगा।
इस विश्लेषण से साफ़ है कि जितना जल्दी निवेश शुरू करेंगे और जितना लंबा समय देंगे, उतना बड़ा फंड बनेगा। 15 प्रतिशत की दर से कमाई होने पर बच्चा 35 साल की उम्र में ही वित्तीय रूप से स्वतंत्र हो सकता है, जबकि 8 से 9 प्रतिशत की दर से कमाई होने पर वही लक्ष्य पाने के लिए 55 साल से अधिक समय तक इंतज़ार करना होगा। यही कारण है कि लंबे समय के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स को हमेशा सबसे कारगर साधन माना जाता है।
विशेष अस्वीकरण (Disclaimer) : म्युचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं। ऊपर बताए गए आँकड़े केवल उदाहरण मात्र हैं। भविष्य में रिटर्न क्या होंगे, यह कोई नहीं जानता। SEBI के अनुसार, बीते प्रदर्शन भविष्य की गारंटी नहीं है। निवेश करने से पहले हमेशा किसी SEBI-रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।

