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चंदौलीः आरएसएस वर्ग शिक्षा के लिए तिलक लगाकर रवाना किए गए युवा

चंदौली। नौगढ़ कस्बा में शनिवार को आरएसएस में वर्ग की शिक्षा के लिए युवाओं को चंदौली के लिए तिलक चंदन लगाकर रवाना किया गया। खंड कार्यवाह अश्विनी दुबे ने वर्ग की शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एक आरएसएस स्वयंसेवक और एक आरएसएस कार्यकर्ता में काफी अंतर है। स्वयंसेवक वह होता है, जो शाखा में शामिल होता है और संघ के जीवन दर्शन का पालन करता है। स्वयंसेवक होता है, जो शाखा में शामिल होता है और संघ के जीवन दर्शन का पालन करता है। वहीं, संघ के आयोजित ट्रेनिंग कैंप में 4 कठोर लेवल को पार करने के बाद एक आरएसएस कार्यकर्ता तैयार होता है। इस ट्रेनिंग कैंप को संघ शिक्षा वर्ग के नाम से जाना जाता है। इसकी शुरुआत प्राथमिक शिक्षा वर्ग से होती है, जहां लोगों को उनके अपने जिले में संघ की विचारधारा की मूल बातें और संगठन के काम को लेकर 7 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद उन्हें उस इलाके में संघ की गतिविधियों से जुड़ी छोटी जिम्मेदारियां दी जाती हैं। इसके बाद प्रतिबद्ध सदस्यों को दूसरे लेवल की ट्रेनिंग पर भेजा जाता है, जिसे प्रथम वर्ष संघ शिक्षा वर्ग कहा जाता है। यह ट्रेनिंग देश भर में फैले संघ के सभी 43 प्रांतों में 21 दिनों के आवासीय कैंप में होता है। शिक्षार्थियों में साहिल गुप्ता, विनोद कुमार, अनिल, प्रिंस, हरगोविंद के साथ-साथ खंड विद्यार्थी प्रचारक मंगल ,सहखंड कार्यवाह कृष्ण कुमार जायसवाल , आशीष कुमार,और डॉ सत्यनारायण केशरी शामिल थे।

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