fbpx
चंदौलीराज्य/जिला

chandauli news: गुरु पूर्णिमा पर हरिओम हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर में यथार्थ गीता पाकर निहाल हुए भक्त

चंदौली। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को मुख्यालय स्थित हरिओम हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर में स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज द्वारा लिखित यथार्थ गीता का वितरण किया गया। हास्पिटल के डायरेक्टर वरिष्ठ चिकित्सक डा. विवेक सिंह के नेतृत्व में 200 लोगों को यथार्थ गीता दी गई। गीता पाकर भक्त भी निहाल हो उठे।

जानिए क्या है यथार्थ गीता
यथार्थ गीता स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज द्वारा लिखी गई है और 1994 में मुंबई के परमहंस ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित की गई है। यथार्थ गीता 388 पेज में उपलब्ध है। इसे पाठकों की सुविधा के लिए सरल भाषा में व्यक्त किया है। यथार्थ गीता को पढ़कर आप भगवद गीता के महत्व को आसानी से समझ सकते हैं। भारत की सर्वाेच्च श्री काशी विद्वतपरिषद ने एक मार्च 2004 में “ श्रीमद् भगवद् गीता”, मनुस्मृति तथा वेदों आदि को विश्वमानव का धर्मशास्त्र और यथार्थ गीता को परिभाषा के रूप में स्वीकार किया और यह उद्घोषित किया कि धर्म और धर्मशास्त्र अपरिवर्तनशील होने से आदिकाल से धर्मशास्त्र “श्रीमद् भगवद् गीता” ही रही है। यथार्थ गीता की सूचि में संशय विषाद योग, कर्म पात्रता, शत्रुविनाश प्रेरणा, यज्ञकर्म स्पष्टीकरण, यज्ञभोक्ता महापुरुष महेश्वर, प्रयोगयोग, समग्र जानकारी, अक्षर ब्रह्मयोग, राजविद्या जाग्रति, विभूति विवरण, भक्तियोग, क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभाग योग, गुणत्रय विभाग योग, पुरुषोत्तम योग, दैवासुर सम्पद विभाग योग, सन्यास योग का विशेष वर्णन किया गया है। यह यथार्थ गीता का महत्वपूर्ण अंश माना गया है।

On The Spot

खबरों के लिए केवल पूर्वांचल टाइम्स, अफवाहों के लिए कोई भी। हम पुष्ट खबरों को आप तक पहुंचाने के लिए संकल्पिक हैं।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!