
चंदौली। भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई हुई तो दबाव बनाने के लिए सदर तहसील के लेखपाल धरने पर बैठ गए। धरनारत लेखपाल सस्पेंड लेखपालों को बहाल करने की मांग पर अड़े हैं। हालांकि इसका असर एसडीएम पर नहीं पड़ रहा है। एसडीएम भ्रष्टाचार में संलिप्त लेखपालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मूड में हैं। जमीन के वरासत के लिए सुविधा शुल्क लेने और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा दिलाने के आरोप में लेखपालों पर कार्रवाई की गई है।
सदर एसडीएम दिव्या ओझा ने वरासत के लिए लोगों से सुविधा शुल्क लेने और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा दिलाने की शिकायत पर पांच लेखपालों को निलंबित कर दिया है। एसडीएम की कार्रवाई के बाद दबाव बनाने के लिए लेखपाल संघ के नेतृत्व में सदर तहसील के लेखपाल अब धरने पर बैठ गए। लेखपालों ने कालीपट्टी बांधकर तहसील में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। लेखपाल सस्पेंड लेखपालों को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
सदर एसडीएम का कहना है कि भ्रष्टाचार व लापरवाही किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कई ऐसे लेखपाल हैं जो अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। इनके द्वारा न तो फसलों का सर्वे किया जा रहा न ही राजस्व संबंधी कार्य निष्पादित कराए जा रहे। समय समय पर भ्रष्टाचार की शिकायतें भी प्राप्त होती रहती हैं। दबाव बनाने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ने वाला है। सभी को सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करना ही होगा।

