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Crime News: उस रात क्या हुआ था छह साल की मासूम के साथ, दरिंदों तक कैसे पहुंची पुलिस, जानिए वारदात के पीछे की पूरी कहानी

चंदौली। 27 अक्तूबर की शाम जब तकरीबन समूचा जिला छठ पर्व के उमंग में डूबा हुआ था अलीनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में छह साल की मासूम दो वहशी युवकों की हवस का शिकार बन रही थी। ऐसी घटना जिसने अचानक जिले को चर्चा में ला दिया। कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे। विपक्ष सरकार को घेरने लगा। खबर जिसके कानों तक पहुंची उसकी आत्मा कांप उठी।

आईपीएस ने संभाली जांच की कमान, दरिंदों को मिला सही अंजाम
इस घटना को पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया। जांच की कमान तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी अनंत चंद्रशेखर ने खुद अपने हाथ में ली और टीम को अपराधियों की तलाश में लगा दिया।  तीन दिन के भीतर ही पुलिस के हाथ आरोपियों तक पहुंच गए।

आखिर क्या हुआ था बच्ची के साथ
पुलिसिया कहानी के अनुसार 27 अक्तूबर की शाम गांव के ही रंजीत बिंद और लखराज बिन्द (दोनों की उम्र 22 वर्ष) नाम के दो युवक शराब के नशे में धुत एक दुकान से सिगरेट और गुटखा खरीद रहे थे। उसी दौरान छह साल की मासूम पर दोनों की गिद्ध दृष्टि पड़ी जो छठ पूजा के बाद अकेले ही घर जा रही थी। दोनों ने दुकान से कुरकुरे और बिस्किट का पैकेट खरीदा और बच्ची को अपने साथ बहला फुसलाकर पास में ही खाली पड़े एक कमरे में ले गए जिसमें पशुओं के लिए भूसा रखा गया था। दोनों ने बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया। शोर न मचाए इसलिए उसका मुंह कस कर दबाए रखा। कुछ ही देर में मासूम की सांस थम गई। दोनों ने हड़बड़ी में शव को वहीं छोड़ा और भाग निकले। पुलिस ने दोनों को पकड़कर लिया। पूछताछ के दौरान शातिरों ने पुलिस को बरगलाने की पूरी कोशिश की और बयान बदलते रहे। एएसपी अनंत चंद्रशेखर ने बताया कि दोनों से अलग अलग पूछताछ की गई तो बयानों में अंतर मिला। फोरेंसिक जांच में दोनों के नाखूनों में बच्ची के खून के अंश मिले। पूरी तरह तसल्ली होने के बाद पुलिस लखराज और रंजीत को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जा रही थी। रास्ते में दोनों ने भागने की कोशिश की। लेकिन पैर में गोली मारकर पुलिस ने उन्हें दोबारा पकड़ लिया।

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