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Chandauli News : एसपी की तत्परता से रुकी नाबालिग की शादी, पुलिस व चाइल्ड हेल्पलाइन की त्वरित कार्रवाई

चंदौली। पुलिस और चाइल्ड हेल्प लाइन की तत्परता से सोमवार को चकिया क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की का विवाह होने से पहले ही रोक दिया गया। यह कार्रवाई डॉयल 112 पर प्राप्त सूचना के आधार पर की गई, जिसमें बताया गया था कि चकिया स्थित काली जी के मंदिर में लगभग 16 वर्ष की एक लड़की की शादी आयोजित की जा रही है।

 

मामले की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके आदेश पर चाइल्ड हेल्प लाइन चन्दौली और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग (AHT) थाना पुलिस की संयुक्त टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने बिना समय गंवाए मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

 

पुलिस और चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम ने मौके पर मौजूद दोनों पक्षों, नाबालिग लड़की के माता-पिता/अभिभावकों और विवाह में शामिल अन्य लोगों को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के कानूनी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। टीम ने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह कानूनन अपराध है और इसके गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं। अधिकारियों द्वारा समझाने के बाद परिजनों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए विवाह रोकने पर सहमति जताई।

 

इसके बाद नाबालिग लड़की के माता-पिता/अभिभावकों से एक शपथ पत्र लिया गया, जिसमें उन्होंने यह लिखित आश्वासन दिया कि लड़की की वैधानिक उम्र 18 वर्ष पूरी होने से पहले उसका विवाह नहीं कराया जाएगा। इस कार्रवाई के माध्यम से न केवल विवाह को रोका गया, बल्कि परिवार को कानून के प्रति जागरूक भी किया गया।

 

मामले की आगे की निगरानी और नाबालिग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बाल कल्याण समिति (CWC) को तत्काल सूचना दी गई। आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए नाबालिग लड़की को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया गया, ताकि उसकी सुरक्षा और भविष्य से संबंधित उचित व्यवस्था की जा सके।

 

इस पूरी कार्रवाई में चाइल्ड हेल्पलाइन के कोऑर्डिनेटर इन्द्रजीत सिंह, ग्राम स्वराज समिति के सामाजिक कार्यकर्ता राम सहारे, केस वर्कर अनीता चौहान और कौशल किशोर, काउंसलर प्रमोद कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही। वहीं पुलिस विभाग की ओर से एएचटी थाना प्रभारी राघवेन्द्र सिंह और महिला हेड कांस्टेबल नीरज भारद्वाज ने भी सक्रिय सहयोग किया।

 

पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों का विवाह कराना दंडनीय अपराध है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और समाज से बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाते रहेंगे।

 

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