
चंदौली। काशी हिंदी विद्यापीठ ने हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं निरंतर योगदान के लिए साहित्यकार रोहित पाण्डेय को अपनी सर्वोच्च मानद उपाधि ‘विद्या वाचस्पति’ से सम्मानित किया है। इस अवसर पर विद्यापीठ परिसर में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा, साहित्य और संस्कृति से जुड़ी कई प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहीं।
समारोह में वक्ताओं ने कहा कि रोहित पाण्डेय ने हिंदी साहित्य के प्रचार-प्रसार, रचनात्मक लेखन और कविता के माध्यम से समाज में बौद्धिक चेतना जागृत करने का सराहनीय कार्य किया है। उनकी रचनाओं में सामाजिक सरोकार, संवेदनशीलता और भाषा की सशक्त अभिव्यक्ति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। विद्यापीठ प्रशासन ने कहा कि ऐसे साहित्यकारों को सम्मानित करना संस्थान की परंपरा रही है, जिन्होंने हिंदी भाषा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
काशी हिंदी विद्यापीठ, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और शैक्षणिक विरासत के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। संस्थान समय-समय पर उन विभूतियों को सम्मानित करता रहा है, जिनका योगदान समाज और साहित्य दोनों के लिए प्रेरणादायी रहा है। इसी कड़ी में रोहित पाण्डेय को ‘विद्या वाचस्पति’ की मानद उपाधि प्रदान की गई।
रोहित पाण्डेय मूल रूप से सकलडीहा ब्लॉक के सदलपुरा गांव के निवासी हैं और वर्तमान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में निवासरत हैं। ग्रामीण परिवेश से निकलकर साहित्य जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाना उनके संघर्ष, साधना और समर्पण का प्रमाण है।
सम्मान ग्रहण करते हुए रोहित पाण्डेय ने काशी हिंदी विद्यापीठ का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान केवल उनका व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि उन सभी गुरुओं, साहित्यिक साथियों और पाठकों का है, जिन्होंने उन्हें निरंतर प्रेरणा और सहयोग दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य सदैव हिंदी साहित्य की सेवा करना और नई पीढ़ी को भाषा एवं साहित्य से जोड़ना रहेगा।

