
चंदौली। जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने सोमवार को तहसील नौगढ़ क्षेत्र के होरीला और मंगरही गांवों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना और मौके पर मौजूद अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
डीएम ने सबसे पहले होरीला गांव का निरीक्षण किया। गांववासियों ने उन्हें बिजली की अनियमित आपूर्ति, शुद्ध पेयजल की कमी, जर्जर सड़कों, स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव और राशन वितरण केंद्र की दूरी जैसी समस्याओं से अवगत कराया। ग्रामीणों ने बताया कि राशन की दुकान शाहपुर गांव में है, जिससे उन्हें काफी असुविधा होती है।
इस पर जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि जिन पात्र परिवारों को अब तक आवास योजना का लाभ नहीं मिला है, उन्हें चिह्नित कर एक सप्ताह के भीतर सूची प्रस्तुत की जाए। साथ ही सभी पात्र नागरिकों को पेंशन योजनाओं से जोड़ने का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने अधिशासी अभियंता विद्युत को निर्देश दिया कि जब तक हर घर नल-जल योजना पूरी तरह लागू नहीं हो जाती, तब तक हैंडपंपों की मरम्मत व देखरेख कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी को मोबाइल मेडिकल यूनिट तैयार करने का निर्देश दिया, जिससे ग्रामीणों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
उन्होंने वन विभाग और खंड विकास अधिकारी को आपसी समन्वय से गांव की कच्ची सड़कों को दुरुस्त कराने का भी निर्देश दिया। इसके बाद जिलाधिकारी मंगरही गांव पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने सिंचाई की दिक्कतें और जल जीवन मिशन के तहत अधूरी पड़ी पाइपलाइन के गड्ढों से उत्पन्न समस्याओं की जानकारी दी। डीएम ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। गांववासियों ने मोबाइल नेटवर्क की समस्या भी उठाई, जिस पर डीएम ने आश्वस्त किया कि शीघ्र ही इस समस्या का समाधान कराया जाएगा।
डीएम ने कहा कि मूलभूत सुविधाओं से वंचित गांवों का विकास करना प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे ऐसे दुर्गम गांवों का नियमित भ्रमण करें और समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं जब भी नौगढ़ क्षेत्र का दौरा करूंगा, मुझे ऐसे गांव दिखाए जाएं जहां अभी भी विकास की रोशनी नहीं पहुंची है, ताकि हम मिलकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ सकें।” निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, तहसीलदार और संबंधित लेखपाल मौजूद रहे।