
चंदौली। बिजली उपभोक्ताओं में स्मार्ट मीटरों को लेकर बढ़ता असंतोष लगातार सामने आ रहा है। इसी क्रम में शनिवार को सुभाष पार्क, मुगलसराय में विद्युत उपभोक्ताओं की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने उपभोक्ताओं के अधिकारों और स्मार्ट मीटर की अवैध स्थापना पर गंभीर सवाल उठाए।
संतोष कुमार पाठक ने कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) के अनुसार किसी भी उपभोक्ता के घर उसकी सहमति के बिना स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जा सकता। उपभोक्ता को यह अधिकार प्राप्त है कि वह चाहे तो प्रीपेड या पोस्टपेड मीटर में से किसी एक का चयन स्वयं करे। उन्होंने कहा कि सरकार और बिजली विभाग इस कानूनी प्रावधान की खुली अनदेखी कर रहे हैं और उपभोक्ताओं पर जबरन तेज चलने वाले स्मार्ट मीटर थोपे जा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन स्मार्ट मीटरों से उपभोक्ताओं से चार से छह गुना अधिक बिल वसूला जा रहा है, जिससे जनता में व्यापक आक्रोश है। संतोष पाठक ने कहा कि यह पूरा खेल भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का है। वाराणसी मंडल में जीएमआर कंपनी को लगभग 55 अरब 30 करोड़ 66 लाख 83 हजार रुपए का स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका दिया गया है, जिसका पूरा बोझ उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह मीटर न केवल उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ हैं बल्कि कानूनी रूप से भी अवैध हैं, क्योंकि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में जो आदेश जारी किया था, वह उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी जबरन उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही स्मार्ट मीटर हटाने का निर्णय नहीं लिया, तो आक्रोशित उपभोक्ता स्वयं मीटर उखाड़ने को मजबूर होंगे। इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी सरकार और बिजली निगम की होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि जिन 40 लाख उपभोक्ताओं के घर पहले से स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए। बैठक में पिंटू सिंह, लक्ष्मण चौहान, जनार्दन, बहादुर, नियाज, संतोष, अभिषेक, फैयाज सहित अनेक उपभोक्ता उपस्थित रहे।

