
वाराणसी। करीब एक साल से निलंबित चल रहे डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल को बाराबंकी टोल प्लाजा से वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अमरेश पर आरोप है कि उन्होंने घोसी के बसपा सांसद अतुल राय को रेप के मामले में क्लीन चिट दी थी। इसके बाद अतुल के पक्ष में अदालत में गवाही भी दी। अमरेश के खिलाफ रेप पीड़िता और उसके गवाह को आत्महत्या के लिए उकसाने सहित अन्य गंभीर आरोपों में लंका थाने में इंस्पेक्टर महेश पांडेय की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। गुरुवार को अमरेश को अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
16 अगस्त को पीड़िता और केस के गवाह ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह कर लिया था। आत्मदाह से पहले पीड़िता ने अमरेश सिंह बघेल का नाम लिया था। इससे पहले इसी केस में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी हो चुकी है। मूल रूप से बलिया जिले की रहने वाली युवती वाराणसी में यूपी कॉलेज की छात्रा थी। 1 मई 2019 को युवती ने वाराणसी के लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ रेप सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। 22 जून 2019 को अतुल राय ने वाराणसी की अदालत में समर्पण कर दिया था। इसी प्रकरण में अतुल राय के पिता भरत सिंह की शिकायत के आधार पर तत्कालीन भेलूपुर सीओ रहे अमरेश सिंह बघेल ने जांच की थी।अमरेश ने अतुल को क्लीन चिट देकर रेप के केस की फिर से विवेचना की संस्तुति की थी। इस प्रकरण में प्रदेश सरकार ने अमरेश को 30 दिसंबर 2020 को निलंबित करके उनके खिलाफ प्रयागराज के आईजी रेंज को विभागीय जांच सौंपी थी।पुलिस के अनुसार निलंबित होने के बावजूद अमरेश ने प्रयागराज स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में अतुल राय के पक्ष में हाल ही में गवाही दी थी। इसके बाद से प्रदेश के पुलिस महकमे के आला अफसर अमरेश से काफी नाराज थे। आला अफसरों के निर्देश पर वाराणसी की क्राइम ब्रांच को अमरेश की धरपकड़ का जिम्मा सौंपा गया। बुधवार की देर रात सर्विलांस की मदद से अमरेश की लोकेशन बाराबंकी जिले में हैदरगढ़ स्थित बारा टोल प्लाजा के समीप मिली। इसके बाद घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया गया और वाराणसी लाया गया। लंका इंस्पेक्टर महेश पांडेय द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार तत्कालीन भेलूपुर सीओ अमरेश सिंह बघेल ने अतुल राय के खिलाफ दर्ज रेप के मुकदमे से संबंधित एक जांच में निराधार अभिलेखों की रचना की। अदालत में ट्रायल के दौरान अतुल राय को लाभ पहुंचाने के लिए मिथ्या साक्ष्यों के आधार पर त्रुटिपूर्ण आख्या तैयार की। अतुल राय को रेप के दंड से बचाने के लिए अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया। अमरेश के कृत्यों से क्षुब्ध होकर रेप पीड़िता और उसके गवाह ने आत्महत्या की। इसके लिए दोनों ने सोशल मीडिया में अमरेश सिंह बघेल को दोषी भी ठहराया था। रेप पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय ने बीती 16 अगस्त को दिल्ली में फेसबुक लाइव कर खुद पर पेट्रोल उड़ेल कर आग लगा ली थी। दोनों का आरोप था कि वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर, निलंबित डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल, दरोगा संजय राय व उसके बेटे और कुछ जजों की अतुल राय से मिलीभगत के कारण उन्हें न्याय मिल पाना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है। उल्टे उन्हें ही प्रताड़ित किया जा रहा है। न्याय न मिलने की आस में दोनों जान दे रहे हैं। आत्मदाह के बाद उपचार के दौरान 21 अगस्त को सत्यम प्रकाश की मौत हो गई थी। वहीं पीड़िता की 24 अगस्त को मौत हो गई थी।