
चंदौली। कफ सिरप कांड में पकड़े गए चंदौली के बलुआ क्षेत्र के कैथी गांव निवासी आलोक सिंह काफी पढ़े-लिखे और संभ्रांत परिवार से ताल्लुक रखता है। पैतृक गांव में परिवार के पास मात्र 6 बीघा जमीन है। गांववालों में परिवार की छवि अच्छी है। आलोक के एक चाचा दरोगा हैं, वहीं दूसरे चाचा चहनियां ब्लाक में कार्यरत हैं। इसके अलावा परिवार में लगभग आधा दर्जन लोग नौकरी पेशा में हैं। कैथी के ग्रामीणों ने पूर्वांचल टाइम्स से बातचीत में आलोक के परिवार के बारे में बताया।
बताया कि आलोक की छवि गांव में अच्छी है। एसटीएफ में नौकरी लगी थी। आलोक के एक चाचा दरोगा हैं, वहीं दूसरे चाचा ब्लाक में कार्यरत हैं। इसके अलावा परिवार में कई लोग सरकारी नौकरी में हैं। उन्होंने बताया कि आलोक गांव आता-जाता था। परिवार में कोई आयोजन होने अथवा निमंत्रण आदि में जरूर शामिल होता था। इसलिए गांव के लोगों के बीच उसकी छवि अच्छी है। उन्होंने बताया कि परिवार के पास पांच-सात बीघा जमीन है, लेकिन परिवार काफी पढ़ा-लिखा है। घर पर ब्लाक में कार्यरत उसके चाचा ही रहते हैं, जबकि अन्य लोग बाहर ही रहते हैं।
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि आलोक सिंह एसटीएफ में कार्यरत रहा। उसके पिता भी पुलिस में कार्यरत थे। गलत काम करने की वजह से दोनों बर्खास्त हो गए। एसटीएफ से बर्खास्तगी के बाद आलोक ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह का दामन थाम लिया था। उनसे इतनी नजदीकियां रहीं कि धनंजय का बायां हाथ माना जाने लगा। ग्रामीण ने बताया कि आलोक 1996 से ही घर से बाहर रहा। लखनऊ में रहता था। वहां 5 करोड़ का आलीशान मकान बनवाया है।

