
चंदौली। मुख्यालय स्थित केजी नंदा अस्पताल के चिकित्सक डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी समेत 13 नामजद और 150 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने थाने में हंगामा कर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही चिकित्सक और उनके समर्थकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
पुलिस के अनुसार, राज्य महिला आयोग की सदस्य का भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित था, जिसकी सुरक्षा व्यवस्था में एसआई देवेन्द्र बहादुर सिंह, महिला थानाध्यक्ष पूजा कौर, प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार सिंह, उनके हमराही कर्मचारीगण तथा क्षेत्राधिकारी सदर देवेन्द्र कुमार तैनात थे। भ्रमण के दौरान आयोग की सदस्य ने कस्तूरबा बालिका विद्यालय का निरीक्षण किया और महिलाओं से जनसंपर्क कर उनकी समस्याओं के निस्तारण का प्रयास किया।
इसी दौरान सूचना मिली कि केजी नंदा हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में महिलाएं एकत्रित हैं। महिलाओं की समस्याएं जानने के उद्देश्य से आयोग की सदस्य पुलिस बल के साथ हॉस्पिटल पहुंचीं। वहां बातचीत के दौरान हॉस्पिटल के डॉक्टर/प्रबंधक आनंद प्रकाश तिवारी एवं उनके सहयोगियों द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं दिया गया, जिसके कारण महिलाओं से पूरी जानकारी प्राप्त किए बिना ही आयोग की सदस्य को वापस लौटना पड़ा।
इसके पश्चात डॉक्टर/प्रबंधक आनंद प्रकाश तिवारी, उनके सहयोगी शिवेन्द्र तिवारी सहित भुलाई तिवारी, अमन तिवारी, प्रदीप मिश्रा, अजीत कुमार पाण्डेय, सतीश मिश्रा, सतेन्द्र यादव, छोटू प्रजापति, मिंटू पाण्डेय, वीर यादव, प्रमोद (ड्राइवर), ज्ञान तिवारी, अलख तिवारी तथा लगभग 150 महिला-पुरुष सहयोगियों के साथ शाम करीब 8 बजे थाना परिसर पहुंचे। आरोप है कि ये लोग मरीजों को गुमराह कर, पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए थाना परिसर में दाखिल हुए और लोक सेवकों के कर्तव्यों में बाधा उत्पन्न की।
सूचना के अनुसार, आरोपियों ने शांति व्यवस्था भंग करने की नीयत से बल प्रयोग का प्रयास किया, गाली-गलौज, धक्का-मुक्की की और थाना परिसर में सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाई। करीब तीन घंटे तक थाना का कार्य पूर्ण रूप से बाधित रहा, जिससे वहां मौजूद आम नागरिकों में भय और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो गई तथा अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
घटना थाना परिसर में लगे सरकारी सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है। पुलिस द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।

