
चंदौली। जिले के अलीनगर क्षेत्र के रेवसा गांव में भारतमाला परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। आरोप है कि प्रशासन द्वारा निर्धारित मुआवजा बेहद कम है, जिसके विरोध में ग्रामीण पिछले 14 दिनों से अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इस आंदोलन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने पूरे विरोध को नई दिशा दी है, जिससे गांव में महिला सशक्तिकरण की मजबूत छवि देखने को मिल रही है।
धरना स्थल पर बैठी महिलाओं ने साफ कहा है कि उचित और न्यायसंगत मुआवजा तय किए बिना आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन उनकी आजीविका का आधार है और बिना उचित मूल्य के अधिग्रहण उनके परिवारों को आर्थिक संकट में डाल देगा।
इधर, आंदोलन के दौरान 65 वर्षीय सियाराम की तबीयत अचानक बिगड़ गई। ग्रामीणों के अनुसार, कई बार फोन करने के बावजूद समय पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची, जिसके बाद उन्हें ऑटो से अस्पताल ले जाना पड़ा। इस घटना ने ग्रामीणों के आक्रोश को और भड़का दिया है, और उन्होंने प्रशासनिक संवेदनहीनता पर सवाल उठाए हैं।
धरना स्थल पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि जब तक जमीन का मुआवजा बाजार दर के अनुरूप तय नहीं किया जाता, तब तक उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। ग्रामीणों का कहना है कि वे विकास कार्यों के विरोधी नहीं हैं, लेकिन अपनी जमीन का उचित अधिकार चाहते हैं। प्रशासनिक टीमें मामले को सुलझाने में जुटी हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।

