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सपा का झंडा उतारकर बीजेपी का झंडा लगाएंगे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पति-पत्नी, गरमाई सियासत

चंदौली। मौसम ने भी इतने रंग नहीं बदले होंगे जितने रंग अपने तकरीबन एक दशक की सियासत में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह ने बदल दिए। सूबे में जिसकी सरकार सत्ता में आई उसका झंडा वाहन पर लगाने में जरा भी देर नहीं लगाई। शुक्रवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छ़त्रबली सिंह और निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता सिंह चंदौली बीजेपी कार्यालय पहुंचे और जिलाध्यक्ष अभिमन्यू सिंह से पार्टी का झंडा लिया, जिसे वाहन पर लगाएंगे। हालांकि सियासी गलियारे में शोर मचा कि दोनों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। लेकिन बीजेपी जिलाध्यक्ष अभिमन्यू सिंह ने यह कहते हुए कयासों पर विराम लगा दिया कि दोनों पहले से ही भाजपा के प्राथमिक सदस्य हैं। उन्होंने पार्टी का झंडा लिया है ताकि अपने वाहन पर लगा सकें।  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से ठीक पहले दंपती के इस कदम से जिले की सियासत गरमा गई है।


सूबे में बसपा की सरकार बनी तो वाहन पर नीला झंडा था, फिर सपा सरकार में झंडा लाल हुआ अब पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह और उनकी पत्नी सरिता सिंह वाहन पर बीजेपी का झंडा लगाए नजर आएंगे। दरअसल सूबे में जब-जब सरकार बदली दोनों ने अपना चोला भी बदल लिया। राजनीति का रुख भांपने में माहिर छत्रबली सिंह की तकरीबन सभी दलों में गहरी पैठ है। यही वजह है कि अपनी मर्जी दल परिवर्तन करते चले आ रहे हैं। पति-पत्नी दोनों ने पिछला चुनाव बसपा के समर्थन से लड़ा। जीत दर्ज करने के बाद लगा कि बसपा में रहते हुए लाल बत्ती नहीं मिल पाएगी तो न सिर्फ पत्नी को सपा में शामिल करा दिया बल्कि दिग्गज सपाई पूर्व सांसद रामकिशुन के पुत्र का टिकट छीनकर अपनी पत्नी सरिता सिंह को दिलवा दिया। राजनीति की ऐसी बिसात बिछाई की रामकिशुन चारों खाने चित्त हो गए और सरिता सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष बन गईं। 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो छत्रबली सिंह ने बगैर देरी किए भाजपा का दामन थाम लिया और सरिता सिंह ने भी सपा में अपनी गतिविधियों को सीमित कर दिया। तमाम विरोध के बाद भी बीजेपी विधायक सुशील सिंह सरिता सिंह को कुर्सी के बेदखल नहीं कर सके। अब पंचायत चुनाव से ठीक पहले नया दांव चलकर जिले की सियासत गरमा दी है।

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