
चंदौली। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से गुरुवार को फसल अवशेष योजना के तहत तपोवन विद्यालय में स्कूल स्तरीय विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने फसल अवशेष को जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति छात्रों को जागरूक किया।
मृदा वैज्ञानिक डा चंदन सिंह ने बताया किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं। इससे पर्यावरण प्रदूषण होता है साथ ही साथ मृदा में पोषक तत्वों का नुकसान होने से सेहत खराब होती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को जागरुक किया कि पराली को खेत में मिला देने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। खेत के अंदर जीवांश की मात्रा कम होने के कारण सब्जियों व फलों में स्वाद की गुणवत्ता मे बहुत कमी आती है जो की फसल अवशेषों की खाद को मृदा में मिलाने से बढ़ाई जा सकती है।
डा अभय दीप गौतम ने बताया कि पशुओं के गोबर की खाद को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति व क्षमता बढ़ती है। कार्यक्रम में विद्यालय के 125 छात्रों ने प्रतिभाग किया। छात्रों से अपील की गई कि अपने अभिभावकों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी अवश्य दें। अवशेष प्रबंधन के निबंध प्रतियोगिता में सुकृति जायसवाल कक्षा 10 प्रथम, आर्यन गुप्ता कक्षा 9 द्वितीय व अभय सिंह कक्षा 10 ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पेंटिंग प्रतियोगिता में चंद्रप्रभा तिवारी कक्षा 8 प्रथम,तनु सिंह कक्षा 10 द्वितीय व आराध्या सिंह को तृतीय स्थान मिला। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अध्यक्ष डॉ नरेंद्र रघुवंशी, शिक्षक सोमेश सहित विद्यालय के छात्र उपस्थित थे।

