
जय तिवारी की रिपोर्ट….
चंदौली। उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग की ओर से जून माह की जनपद स्तरीय मंथन रिपोर्ट जारी कर दी गई है, जिसमें आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम) पर प्राप्त जनशिकायतों के निस्तारण के आधार पर जिलों की रैंकिंग की गई है। इस रिपोर्ट में चंदौली जनपद फिसड्डी साबित हुआ है और रैंकिंग में 46वें पायदान पर है, जो जनपद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।
जहां पीलीभीत, गौतम बुद्ध नगर, बस्ती, बलिया, मऊ, बाराबंकी, श्रावस्ती, बलरामपुर, महाराजगंज, मिज़ार्पुर, अमेठी, हरदोई, चित्रकूट, संतकबीरनगर, ललितपुर, मुरादाबाद, बरेली, और देवरिया जैसे जनपदों ने 100 प्रतिशत शिकायत निस्तारण कर प्रथम रैंक प्राप्त किया है, वहीं चंदौली सूची से नदारद रहा। हालांकि जिले के छह थानों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
चंदौली पुलिस अधीक्षक द्वारा लगातार गूगल मीट के माध्यम से क्राइम मीटिंग आयोजित की जाती हैं, लेकिन थाना प्रभारियों की उदासीनता और लापरवाही के चलते इन प्रयासों का कोई खास असर जमीन पर नजर नहीं आ रहा है।
आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण शासन की प्राथमिकता में है, ऐसे में चंदौली का प्रदर्शन शासन और उच्च अधिकारियों की नाराजगी को दावत दे सकता है।