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सो रहे जनप्रतिनिधि व अधिकारी, किसानों के लिए काल न बन जाएं सहकारी समितियों के जर्जर भवन

रिपोर्टः खुशी सोनी

चंदौली। यूं तो सरकारी इमारतों का कोई पुरसाहाल नहीं है। लेकिन चंदौली स्थित साधन सहकारी समिति भवनों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। आश्चर्यजनक यह कि पिछले कई साल से जिला योजना में प्रस्ताव भेजने के बाद विभाग को फूटी कौड़ी तक नहीं मिली है। पिछले वर्ष तकरीबन साढ़े चार करोड़ रुपये का बजट अनुमोदित हुआ लेकिन एक पैसा विभाग को जारी नहीं किया गया। किसानों के हितैषी बनने का दावा करने वाले जिले के जनप्रतिनिधि भी इस मुद्दे पर मौन साधे हुए हैं। जबकि कुछ भवनों की स्थिति तो इतनी खराब है कि कब भरभराकर गिर पड़ें और किसानों के लिए काल बन जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। एआर कोआपरेटिव का कहना है कि बजट ही नहीं है तो कैसे मरम्मत कराई जाए।
धानापुर ब्लाक के अवहीं स्थित साधन सहकारी समिति भवन की स्थिति तो और भी खराब हो चुकी है। भवन का एक हिस्सा  गिर चुका है। भवन कब जमींदोज हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। जबकि खाद और बीज के लिए यहां हमेशा किसानों का जुटान होता रहता है। ऐसे में किसी भी वक्त बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता। इस समस्या के निराकरण को लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का उदासीन रवैया चिंताजनक है। भारतीय युवा शक्ति मोर्चा के पंडित कृष्णा, ओमकार नाथ तिवारी, अनिल खरवार और चंद्रशेखर ने जिला प्रशासन का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराया है।

बजट नहीं तो कैसे हो मरम्मत

एआर कोआपरेटिव सोमी सिंह का कहना है कि विभाग के पास ऐसा कोई भी बजट नहीं कि जर्जर समिति भवनों की मरम्मत करार्ठ जा सके। जिला योजना में प्रस्ताव भेजा जाता है लेकिन वहां से धन नहीं मिलता। मुख्यालय से भी पत्राचार किया गया है। जिले के आलाधिकारियों को भी समस्या से अवगत कराया गया है। यह प्रसास भी किया गया है कि पंचायत निधि से ही मरम्मत के लि कुछ बजट मिल जाए। कायाकल्प योजना में समितियों को शामिल किया जाए लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हो सका है। यह बात सही है कि साधन सहकारी समिति भवनों की स्थिति खराब है।

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